पंचतंत्र की 101 कहानियां PDF | Panchatantra Stories In Hindi PDF

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पंचतंत्र की कहानियां बच्चों को पढ़ने में काफी अच्छी लगती हैं और यह कहानियां उन्हे बहुत अधिक पसंद आती हैं। यह कहानियां पढ़ने में जितनी अधिक मजेदार और रोमांचक होती हैं उतने ही शिक्षा और प्रेरणा इन कहानियों से मिलती हैं। आज इस लेख में ऐसे ही पंचतंत्र कहानियों का वर्णन किया गया है। जो पढ़ने में काफी अधिक मजेदार और शिक्षा से भरपूर हैं,तो चलिए पढ़ते हैं इन मजेदार पंचतंत्र कहानियों को-

पंचतंत्र की कहानियां क्या है ? (Panchatantra Stories In Hindi pdf )

आपने भी कभी न कभी तो ऐसी कहानियां तो अवश्य सुनी होंगी जिनमे शिक्षा और प्रेरणा दी जाती है वह कहानियां हमें बुद्धिमान बनाने के साथ साथ हमारा मनोरंजन भी करते हैं क्योंकि यह कहानियां काफी मजेदार और रोचक होती हैं। पंचतंत्र कहानियों का एक किताब है जो मुर्ख से मुर्ख व्यक्ति को भी पशु पक्षियों की कहानियों के माध्यम से बुद्धिमान और चालाक बना देती है। पंचतंत्र (panchatantra stories in hindi pdf) की कुछ कहानियों का विस्तार से वर्णन नीचे दिया गया है।

Panchatantra Stories In Hindi PDF
Panchatantra Stories In Hindi PDF

Panchatantra Stories In Hindi PDF – Overview

Name of PDFPanchatantra Stories In Hindi PDF
TypesHindi Stories
PDF Size2.1 MB
LanguageHindi
SourceAvailable ✔️
Panchatantra Stories In Hindi PDF Download

पंचतंत्र कहानियों का इतिहास :-

बहुत समय पहले अमरशक्ति नाम का एक महान राजा महिलारोप्य  नामक एक राज्य पर राज करता था। उस राजा के तीन पुत्र थे जिनका नाम अनेकशक्ति, बहूशक्ति और उग्रशक्ति था। राजा के तीनों पुत्र काफी मूर्ख थे जिस वजह से राजा काफी परेशान रहता था। एक दिन राजा इन सभी बातों से परेशान होकर एक समय बुलाता है और मंत्रियों से कहता है की 

आप सभी लोग जानते हैं कि मेरे तीनों पुत्र मूर्ख व  बुद्धिहीन है, इनमें से कोई भी मेरा राजपाट संभालने के योग्य नहीं है। इसलिए मैं आप लोगों से यह अनुग्रह करता हूं कि आप लोग कोई ऐसा उपाय कीजिए जिससे मेरे तीनो पुत्रों के बुद्धि का विकास हो सके।

तभी एक पंडित ने बोले कि-

“महाराज सिर्फ व्याकरण का अध्ययन करने में ही लगभग 1 वर्ष का समय लग जाता है और इसके पश्चात शास्त्रों का ज्ञान दिया जाता है जिससे मानव के बुद्धि का विकास होता है।”

इस पर दूसरा मंत्री बोलता है कि-

“महाराज हमारा जीवन नश्वर है इसलिए हमें किसी छोटे और बुद्धि का विकास करने वाले शास्त्र के बारे में विचार अवश्य करना चाहिए।”

इस पर राजा कहता है कि-

“क्या तुम किसी ऐसे विद्वान को जानते हो जो काफी कम समय में सभी शास्त्रों का ज्ञान दे सके।”

इस पर मंत्री ने कहा कि-

“जी, महाराज मैं एक ऐसे विद्वान को जानता हूं। जो काफी कम समय में ही आपके तीनों पुत्रों को बुद्धिमान बना सकता है और उनका नाम पंडित विष्णु शर्मा है।”

राजा के कहने पर अगले दिन ही विष्णु शर्मा को राजा के दरबार में लाया गया फिर राजा ने पंडित विष्णु शर्मा को अपनी परेशानी सुनाई।

विष्णुशर्मा ने  कहा कि-

“मैं आपके तीनों पुत्रों को केवल 6 महीने में ही शास्त्रों का ज्ञाता और बुद्धिमान बना सकता हूं।”

यह सुनकर राजा बहुत खुश हुआ और कहां कि-

“यदि आपने ऐसा कर दिया तो मैं आपको इनाम के तौर पर 50 गांव दूंगा।”

इस पर पंडित वीष्णुशर्मा ने कहा कि-

“मुझे कुछ नहीं चाहिए और यदि मैं ऐसा नहीं कर पाया तो मैं अपना नाम बदल लूंगा। इस प्रकार पंडित विष्णु शर्मा ने केवल 6 महीने में ही राजा के तीनों पुत्रों को शास्त्रों का ज्ञाता और बुद्धिमान बनाया।”

पंडित विष्णु शर्मा ने शास्त्रों के अध्ययन के समय शास्त्रों को 5 छोटे- छोटे भागों में बांट दिया था, इसलिए इसे पंचतंत्र कहा जाता है।

पंचतंत्र के पांच भाग हैं-

  • मित्रसम्प्राप्ति (मित्र प्राप्ति और उसके लाभ)
  • ळब्दप्रनाश  ( विनाश या मृत्यु के आने पर)
  • काकुलुकीय  ( उल्लुओं एवं कौवे की कहानी)
  • अपरीक्षितकारक  (हड़बड़ी में कार्य न करें)
  • मित्रभेद  (मित्रों में अलगाव एवं मनमुटाव )

पंचतंत्र में शास्त्रों को अत्यंत सरल व स्वाभाविक भाषा में और पशु पक्षियों की कहानियों के माध्यम से समझाया गया है। पंचतंत्र की कहानियों से बुद्धि का विकास होता है फिर वह चाहे बड़े हो या बच्चे सभी को पंचतंत्र की कहानियां आवश्य पढ़नी चाहिए।

बच्चों के लिए पंचतंत्र की कहानियों की लिस्ट नीचे (101 panchatantra stories pdf) सारणी में दी गई हैं। कुछ प्रमुख कहानियों की सूची नीचे दी गई है।

Panchatantra Stories in Hindi PDF)  पंचतंत्र की कहानियां (Panchatantra Stories)

  • विद्यार्थी और शेर
  • एक ब्राह्मण का सपना
  • खीला खींचने वाले एक बन्दर की कहानी 
  • सियार और दुन्दुभि
  • सिंहनी और सियार के बच्चे की कहानी 
  • दंतिल और गोरंभ की कहनी 
  • सियार और दूती आदि की कहानी 
  • विष्णु का रूप धारण करने वाले बुनकर
  • गौरय्या और बंदर की कथा
  • बगुला, काले सांप और नेवले की कथा
  • लोहे की तराजू और बनिएं की कथा
  • राजा और बंदर की कथा
  • परिव्राजक और चूहे की कथा
  • शाण्डिली द्वारा तिल-चूर्ण बेचने की कथा
  • भील, सूअर और सियार की कथा
  • राज-कन्या की कथा
  • कौओं के जोड़े और काले नाग की कथा                                               
  • सिंह और खरगोश की कथा
  • नील के बरतन में गिरे हुए सियार की कथा
  • सिंह, ऊँट, सियार और कौए की कथा
  • काठ से गिरे हुए कछुए की कहानी
  • कौओं और उल्लुओं के बीच पुराने वैर की कहानी
  • सेमिलक और छिपे धन की कथा
  • बैल के पीछे-पीछे चलने वाले सियार की कहानी 
  • धर्मबुद्धी और उसके मित्र की कहानी 
  • मेढक और काले सांप की कहानी 
  • खरगोश और हाथी की कहानी 
  • गौरय्या और खरगोश की कहानी 
  • तीन धूर्तों और ब्राह्नण की कहानी 
  • ब्राह्ण और साँप की कहानी 
  • सोने के हंस और सोने की चिड़िया की कथा
  • बूढ़े बनिये की स्त्री और चोर की कहानी
  • ब्राह्नण, चोर और पिशाच की कहानी 
  • सिंह, सियार और गुफा की कहानी 
  • सिंह और गधे की कहानी 
  • युधिष्ठिर कुम्हार की कथा
  • सोने की बीट देने वाले पक्षी और शिकारी की कथा
  • काले साँप और चींटी की कहनी 
  • मूर्ख पंडित की कहानी 
  • गधे और धोबी की कहानी 
  • कुत्ते की कहानी 
  • चकधर की कहानी

Panchatantra Stories In Hindi PDF – विद्यार्थी और शेर पंचतंत्र की कहानी 

विद्यार्थी और शेर की कहानी :- एक छोटे शहर में चार ब्राह्मण विद्यार्थी रहा करते थे। वे सभी एक-दूसरे के काफी अच्छे मित्र थे। उनमें से तीन दोस्त पढ़ाई-लिखाई में बहुत अच्छे थे और साथ ही बहुत चालाक और चतुर थे। चौथा विद्यार्थी पढ़ाई में अच्छा नहीं था लेकिन उसे दुनियादारी की काफी अच्छी समझ थी। एक दिन उन चारों दोस्तों में से एक ने बोला, “अगर हम लोग राजाओं के दरबार में जाए तो अपनी बुद्धि और समझ के बल पर बहुत सोहरत और पैसा कमा सकते हैं।” सभी दोस्तों ने उसकी बात को मानी और यात्रा पर निकल गए।

रास्ते में उन्हें शेर की खाल और कुछ हड्डियाँ पड़ी हुई मिलीं। एक विद्यार्थी जोश में आकर बोला, “हमें अपने ज्ञान और बुद्धि की परीक्षा करनी चाहिए। चलो इस शेर को फिर से जीवित करने की कोशिश करते हैं। उसने बोला कि मैं इसके कंकाल को ठीक तरह से व्यवस्थित कर सकता हूँ।” फिर दूसरे दोस्त ने बोला कि “मैं कंकाल में माँस और खून भर सकता हूँ,” और इसके साथ तीसरे विद्यार्थी ने भी शेखी बघारी और बोला कि “मैं इसके शरीर में जान डाल सकता हूँ और यह  मरा हुआ शेर फिर से जीवित हो जाएगा।”

चौथे विद्यार्थी यह सब सुनकर चुप रहा उसने कुछ नहीं बोल और चुपचाप तीनों विद्यार्थियों की बातें सुनता रहा। कुछ समय बाद उसने अपना सिर हिलाया और कहा, “ठीक है, तुम लोगों को जो जैसा लगे, वैसा करो। किंतु पहले मुझे किसी पेड़ पर चढ़ जाने दो। तुम लोग बहुत होशियार हो। मुझे तुम सब के बुद्धि और ज्ञान पूरा विश्वाश है। तुम लोग इस मरे हुए शेर को अवश्य जिंदा कर लोगे और शीघ्र ही यह मरा हुआ शेर जीवित होकर दहाड़ मारने लगेगा। हालाँकि मुझे इस बात पर पूरा विश्वास है कि तुम लोग इस शेर का स्वभाव बिल्कुल भी नहीं बदल पाओगे।

उसने कहा कि शेर कभी घास नहीं खा खाता, जैसे मेमना कभी माँस नहीं खाता।” बाकी सभी विद्यार्थी उसकी बात सुनकर हँसने लगे और उससे कहा कि “तुम डरपोक हो, क्योंकि तुम्हें अपनी जान गँवाने का डर है। शर्म करो! तुम्हें हमारे बुद्धि और ज्ञान पर तनिक भरोसा नही है, किंतु तुम यह नहीं जानते  कि हम लोग जिस भी जानवर को जीवित करेंगे, वह पूरी तरह हमारे इशारों पर ही कार्य करेगा। हम जिस जानवर को जीवत करेंगे, वह जानवर भला हम लोगो पर क्यों हमला करेगा?

खैर, तुम्हारी जैसी मर्जी,तुम चाहते हो तो छिप जाओ और हमारा कमाल देखो!” ओर वह विद्यार्ती दौड़कर एक बड़े से पेड़ पर चढ़ गया। उसके सारे मित्र उसे देखकर फिर से हँसने लगे। जब तीसरे विद्यार्थी ने उस मरे हुए शेर के शरीर में जान डाली तो शेर दहाड़ मारकर खड़ा हो गया। जीवित होते ही वह तीनों विद्यार्थियों पर झपटा और उन्हें मारकर खा गया। चौथे विद्यार्थी ने ईश्वर को धन्यवाद दिया और कहा कि उसने उसे दुनियादारी की इतनी समझ दी कि उसने ईश्वर और उसके बनाए हुऐ प्राणियों के काम में दखल नहीं दिया।

Panchatantra Stories In Hindi PDF – एक ब्राह्मण का सपना पंचतंत्र की कहानी

यह कहानी एक ब्राह्मण की है जो लोगों के घर जाता और पूजा पाठ किया करता था। एक दिन उसे दक्षिण में ढ़ेर सारा सत्तू मिला। वह उस सत्तू को पाकर बहुत ही खुश हुआ। घर जाकर वह उसमे से आधा सत्तू खा गया और बचे हुए सत्तू को एक मटके में सुरक्षित रखकर टांग दिया।

मटके को ऊपर लटकाने के बाद वह आराम से खटिए पर सो गया। जैसे ही उसकी आंख लगी तो नींद में वह तरह-तरह के सपने (ख्वाब) देखने लगा। उसने अपने सपने में देखा कि वह बचे हुए सत्तू को संभाल कर रखेगा और जैसे ही अकाल पड़ेगा तो सत्तू का दाम बहुत अधिक बढ़ जाएगा। फिर वह उन बचे हुए सत्तू को बेच देगा। सत्तू को बचने के बाद उसे बहुत सारे पैसे मिलेंगे और उन पैसों से वह एक बकरी खरीदेगा। फिर उस बकरी को बड़ा करके उसे भी बेच देगा। इसके बाद उन मिले हुए पैसों से वह एक गाय खरीदेगा। 

वह उस खरीदी हुई गाय का काफी अच्छे से देखभाल करेगा और उस गाय के दूध को बेचकर और अधिक पैसे कमाएगा और दूध बेचकर कमाए हुए पैसों से घोड़े और भैंस खरीदेगा। इसके बाद भैंस और घोड़ों को बेचकर वह और अधिक पैसे कमाएगा और उन पैसों से सोना खरीदेगा।

और फिर जैसे हि सोने का दाम काफी अधिक बढ़ जाएगा तो वह खरीदे हुए सोने को बेचकर और अधिक धन कमाएगा। उन पैसों से वह बड़ी जमीन खरीदेगा और एक बहुत बड़ा घर बनवाएगा। इसके बाद वह एक सुंदर सी लड़की से शादी करेगा।

शादी कर लेने के बाद जब उसके बच्चे होंगे, तो वह दूर से बैठकर अपने खेलते हुए बच्चों को देखेगा। जब उसका बच्चा रोएगा तो वह चिल्लाकर अपनी पत्नी से बोलेगा कि तुम बच्चे का ध्यान ठीक से नहीं रख सकती क्या।

यह सब देखकर वह बहुत खुश हो रहा था। उसने यह भी देखा कि जब उसकी पत्नी जब काम कर रही होगी और वह उसे कोई काम करने को बोलेगा और जब वह उसकी बात नहीं मानेगी, तो वह उठकर उसे लात मारेगा और जब वह ख़्वाब देख रहा था तभी लेटे-लेटे उसने अपना पैर ऊपर की ओर दे मारा, जहां पर उसने सत्तू को संभाल का लटका रखा था। उसका पैर सीधे सत्तू के मटके पर लगा। इसकी वजह से सत्तू का मटका नीचे गिरकर टूट गया और पूरा सत्तू गिरकर बर्बाद हो गया। ब्राह्मण की नींद जब खुली तो उसने देखा कि उसका सत्तू का मटका टूट कर गिर गया और उसका पूरा ख़्वाब बर्बाद हो गया।

यदि आप ऐसे ही अन्य पंचतंत्र की कहानियां पढ़ना चाहते हैं तो हमारी वेबसाइट पर विजिट करते रहें। क्योंकि इस पेज पर ऊपर दी गई पंचतंत्र की कहानियों का एक-एक करके वर्णन किया जाएगा। इसलिए हमारी इस वेबसाइट से बने रहें ताकि आपको ऐसी मजेदार और रोमांचक पंचतंत्र की कहानियां मिलती रहे।

पंचतंत्र की कहानियों से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न :- FAQ

प्रश्न : पंचतंत्र की सबसे अच्छी कहानी कौन सी है?

पंचतंत्र की प्रमुख कहानियां :-
चुहिया का स्वयंवर
ब्राह्मण और ठग
खटमल और कीड़ा
कौवे की चालाकी
मित्रता
बोलने वाली गुफा
शेर और चूहे की कहानी
जैसे को तैसा

प्रश्न : पंचतंत्र के पांच भेद कौन-कौन से हैं?

पंचतंत्र को पशु पक्षियों के माध्यम से सरल स्वाभाविक भाषा में समझाया गया है।
मित्रसम्प्राप्ति (मित्र प्राप्ति और उसके लाभ)
ळब्दप्रनाश  ( विनाश या मृत्यु के आने पर)
काकुलुकीय  ( उल्लुओं एवं कौवे की कहानी)
अपरीक्षितकारक  (हड़बड़ी में कार्य न करें)
मित्रभेद  (मित्रों में अलगाव एवं मनमुटाव )

प्रश्न : पंचतंत्र का क्या अर्थ है?

भारतीय पशु दंतकथाओं के संग्रह संग्रह को पंचतंत्र कहा जाता है। (पंचतंत्र अर्थात पांच तंत्र)

प्रश्न : पंचतंत्र में कुल कितनी कहानियां या कथाएं हैं?

पंचतंत्र में कुल 87 कथाएँ हैं। जिनमें से अधिकांश प्राणी कथाएं हैं।

सारांश:- Panchatantra Stories in Hindi Pdf

इस लेख में panchatantra stories in hindi pdf का विस्तार से वर्णन किया गया है। यदि आप ऐसे ही पंचतंत्र की कहानियां पढ़ना चाहते हैं तो हमें कमेंट करके अवश्य बताएं ताकि इस पेज पर ऊपर दिए गए सभी पंचतंत्र की कहानियों को आप तक पहुंचा सकें। यदि आपको यह कहानियां पसंद आई है तो इसे अपने दोस्तों के साथ अवश्य शेयर करें।

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