Aditya Hridaya Stotra In Hindi PDF | आदित्य हृदय स्तोत्र संपूर्ण पाठ

आदित्य हृदय स्तोत्र संपूर्ण पाठ और फायदे | Aditya Hridaya Stotra In Hindi PDF.

नमस्कार दोस्तों यदि आप आदित्य हृदय स्त्रोत हिंदी पीडीएफ पढ़ना चाहते हैं तो आप नीचे दिए गए Aditya Hridaya Stotra PDF In Hindi  के माध्यम से आसानी से पढ़ सकते हैं। आज इस लेख में आदित्य हृदय स्तोत्र हिंदी PDF / Aditya Hridaya Stotra in Hindi PDF free मे उपलब्ध करवाया गया है।

आदित्य हृदय स्तोत्र हिंदी PDF | Aditya Hridaya Stotra In Hindi PDF Summary

आदित्य हृदय स्रोत भगवान सूर्य नारायण जी को समर्पित करके बनाया गया है मान्यताओं के अनुसार यह स्रोत अत्यंत ही प्रभावशाली एवं चमत्कारिक है सनातन धर्म हिंदू धर्म में सूर्य देव जी को विश्व भर में पूजा जाता है।

शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि सूर्य देव की पूजा करने से मनुष्य के जीवन से नकारात्मक प्रभाव का अंत हो जाता है। तथा उनके जीवन में सकारात्मक पूजा की प्राप्ति होती है भगवान सूर्य देवता जी को प्रतिष्ठा एवं मान्य सम्मान का देवता माना जाता है जो व्यक्ति प्रतिदिन नियमित रूप से भगवान श्री देव की पूजा करते हैं, उन्हें समाज में मान एवं प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है।

Aditya Hridaya Stotra In Hindi PDF
Aditya Hridaya Stotra In Hindi PDF

अभी आप भगवान सूर्य देव जी की कृपा एवं आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं तो नियमित रूप से विधि-विधान पूर्वक आदित्य हृदय स्त्रोत पाठ का गान करें यदि आपको किसी प्रकार का नेत्र रोग है, तो ऐसा माना जाता है कि इसका निवारण भगवान सूर्य देव जी की पूजा के माध्यम से किया जा सकता है यदि आप किन्हीं कारणों से नियमित रूप से आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करने में असमर्थ हैं तो आप केवल रविवार के दिन आदित्य हृदय स्त्रोत पाठ का गान कर सकते हैं।

इतना ही नहीं आदित्य हृदय स्रोत का नियमित रूप से पाठ करने से अनेकों लाभ प्राप्त होते हैं जैसे प्रसन्नता आत्मविश्वास धनसंपदा और नौकरी में पदोन्नति इत्यादि कार्यों में काफी सफलता मिलती है हृदय स्त्रोत का पाठ करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। आसान शब्दों में कहा जाए तो आदित्य हृदय स्त्रोत मनुष्य के जीवन में अनेकों चमत्कार मन करता है, इसीलिए आप सभी को भी आदित्य हृदय स्त्रोत पाठ का गाना अवश्य करना चाहिए।

Aditya Hridaya Stotra In Hindi PDF Overview

Name Of PDFAditya Hridaya Stotra In Hindi PDF – आदित्य हृदय स्तोत्र संपूर्ण पाठ
Number of Pages25
Size2.01 MB
LanguageHindi
CategoryReligion & Spirituality
Last UpdateNow
Source Pdffly.net
Download PDFClick Here
Aditya Hridaya Stotra In Hindi PDF

आदित्य हृदय स्त्रोत सूर्य देव की प्रार्थना है ऐसा माना जाता है कि इसे राम और रावण के युद्ध से पहले सुनाया गया था। इस प्रार्थना को महर्षि अगस्त द्वारा सुनाया गया था उसका पूजन तक किया जाता है जब आपकी राशि अथवा जन्म कुंडली में सूर्य ग्रहण लगा हो ऐसी परिस्थिति में आप को नियमित रूप से पाठ हवन व्रत अथवा कर्मकांड अधिक करना चाहिए।

आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करने से आत्मविश्वास मन की शांति और समृद्धि में उन्नति होती है इसके पाठ से जीवन में आने वाली सभी कठिनाइयां दूर हो जाती हैं। आदित्य हृदय स्त्रोत पाठ का विधि विधान पूर्वक और नियमित रूप से पाठ करने से अनगिनत एवं अनेकों लाभ होते हैं, इसीलिए आप सभी को भी आदित्य हृदय स्त्रोत (Aditya Hridaya Stotra PDF in Hindi )का पाठ अवश्य करना चाहिए।

आदित्य हृदय स्तोत्र संपूर्ण पाठ | Aditya Hridaya Stotra PDF Hindi

Aditya Hridaya Stotra (आदित्य हृदय स्तोत्र संपूर्ण पाठ)

॥ विनियोग॥

ॐ अस्य आदित्यह्रदय स्तोत्रस्यअगस्त्यऋषि: अनुष्टुप्छन्दः आदित्यह्रदयभूतो।

भगवान् ब्रह्मा देवता निरस्ताशेषविघ्नतयाब्रह्माविद्यासिद्धौ सर्वत्र जयसिद्धौ च विनियोगः॥

ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे चिन्तया स्थितम्‌ ।

रावणं चाग्रतो दृष्ट्वा युद्धाय समुपस्थितम्‌ ॥1॥

दैवतैश्च समागम्य द्रष्टुमभ्यागतो रणम्‌ ।

उपगम्याब्रवीद् राममगस्त्यो भगवांस्तदा ॥2॥

राम राम महाबाहो श्रृणु गुह्मं सनातनम्‌ ।

येन सर्वानरीन्‌ वत्स समरे विजयिष्यसे ॥3॥

आदित्यहृदयं पुण्यं सर्वशत्रुविनाशनम्‌ ।

जयावहं जपं नित्यमक्षयं परमं शिवम्‌ ॥4॥

सर्वमंगलमागल्यं सर्वपापप्रणाशनम्‌ ।

चिन्ताशोकप्रशमनमायुर्वर्धनमुत्तमम्‌ ॥5॥

रश्मिमन्तं समुद्यन्तं देवासुरनमस्कृतम्‌ ।

पुजयस्व विवस्वन्तं भास्करं भुवनेश्वरम्‌ ॥6॥

सर्वदेवात्मको ह्येष तेजस्वी रश्मिभावन: ।

एष देवासुरगणांल्लोकान्‌ पाति गभस्तिभि: ॥7॥

एष ब्रह्मा च विष्णुश्च शिव: स्कन्द: प्रजापति: ।

महेन्द्रो धनद: कालो यम: सोमो ह्यापां पतिः ॥8॥

पितरो वसव: साध्या अश्विनौ मरुतो मनु: ।

वायुर्वहिन: प्रजा प्राण ऋतुकर्ता प्रभाकर: ॥9॥

आदित्य: सविता सूर्य: खग: पूषा गभस्तिमान्‌ ।

सुवर्णसदृशो भानुर्हिरण्यरेता दिवाकर: ॥10॥

हरिदश्व: सहस्त्रार्चि: सप्तसप्तिर्मरीचिमान्‌ ।

तिमिरोन्मथन: शम्भुस्त्वष्टा मार्तण्डकोंऽशुमान्‌ ॥11॥

हिरण्यगर्भ: शिशिरस्तपनोऽहस्करो रवि: ।

अग्निगर्भोऽदिते: पुत्रः शंखः शिशिरनाशन: ॥12॥

व्योमनाथस्तमोभेदी ऋग्यजु:सामपारग: ।

घनवृष्टिरपां मित्रो विन्ध्यवीथीप्लवंगमः ॥13॥

आतपी मण्डली मृत्यु: पिगंल: सर्वतापन:।

कविर्विश्वो महातेजा: रक्त:सर्वभवोद् भव: ॥14॥

नक्षत्रग्रहताराणामधिपो विश्वभावन: ।

तेजसामपि तेजस्वी द्वादशात्मन्‌ नमोऽस्तु ते ॥15॥

नम: पूर्वाय गिरये पश्चिमायाद्रये नम: ।

ज्योतिर्गणानां पतये दिनाधिपतये नम: ॥16॥

जयाय जयभद्राय हर्यश्वाय नमो नम: ।

नमो नम: सहस्त्रांशो आदित्याय नमो नम: ॥17॥

नम उग्राय वीराय सारंगाय नमो नम: ।

नम: पद्मप्रबोधाय प्रचण्डाय नमोऽस्तु ते ॥18॥

ब्रह्मेशानाच्युतेशाय सुरायादित्यवर्चसे ।

भास्वते सर्वभक्षाय रौद्राय वपुषे नम: ॥19॥

तमोघ्नाय हिमघ्नाय शत्रुघ्नायामितात्मने ।

कृतघ्नघ्नाय देवाय ज्योतिषां पतये नम: ॥20॥

तप्तचामीकराभाय हरये विश्वकर्मणे ।

नमस्तमोऽभिनिघ्नाय रुचये लोकसाक्षिणे ॥21॥

नाशयत्येष वै भूतं तमेष सृजति प्रभु: ।

पायत्येष तपत्येष वर्षत्येष गभस्तिभि: ॥22॥

एष सुप्तेषु जागर्ति भूतेषु परिनिष्ठित: ।

एष चैवाग्निहोत्रं च फलं चैवाग्निहोत्रिणाम्‌ ॥23॥

देवाश्च क्रतवश्चैव क्रतुनां फलमेव च ।

यानि कृत्यानि लोकेषु सर्वेषु परमं प्रभु: ॥24॥

एनमापत्सु कृच्छ्रेषु कान्तारेषु भयेषु च ।

कीर्तयन्‌ पुरुष: कश्चिन्नावसीदति राघव ॥25॥

पूजयस्वैनमेकाग्रो देवदेवं जगप्ततिम्‌ ।

एतत्त्रिगुणितं जप्त्वा युद्धेषु विजयिष्यसि ॥26॥

अस्मिन्‌ क्षणे महाबाहो रावणं त्वं जहिष्यसि ।

एवमुक्ता ततोऽगस्त्यो जगाम स यथागतम्‌ ॥27॥

एतच्छ्रुत्वा महातेजा नष्टशोकोऽभवत्‌ तदा ॥

धारयामास सुप्रीतो राघव प्रयतात्मवान्‌ ॥28॥

आदित्यं प्रेक्ष्य जप्त्वेदं परं हर्षमवाप्तवान्‌ ।

त्रिराचम्य शूचिर्भूत्वा धनुरादाय वीर्यवान्‌ ॥29॥

रावणं प्रेक्ष्य हृष्टात्मा जयार्थं समुपागतम्‌ ।

सर्वयत्नेन महता वृतस्तस्य वधेऽभवत्‌ ॥30॥

अथ रविरवदन्निरीक्ष्य रामं मुदितमना: परमं प्रहृष्यमाण: ।

निशिचरपतिसंक्षयं विदित्वा सुरगणमध्यगतो वचस्त्वरेति ॥31॥

॥ इति आदित्यहृदयम् मन्त्रस्य ॥


यह भी पढ़ें :-

श्री राम रक्षा स्तोत्र PDF – Shree Ram Raksha Stotra PDF | Ram Raksha Stotra in Hindi PDF

Durga Aarti PDF – श्री दुर्गा आरती | Durga Aarti in Hindi PDF

8 Best Gujarati Bhajan Book PDF | ગુજરાતી ભજન પુસ્તક Pdf


भगवान सूर्य देव की आरती | Surya Dev Aarti Lyrics in Hindi PDF

यहां पर भगवान सूर्य देव की आरती की भी दी गई है। जिसके माध्यम से आप भगवान सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा के समय आरती का पाठ कर सकते हैं पूजा करते समय भगवान सूर्य देव की आरती करने से भगवान श्री देव शीघ्र ही प्रसन्न हो जाते हैं।

भगवान सूर्य देव की आरती

॥ आरती ॥

जय कश्यप-नन्दन,ॐ जय अदिति नन्दन।

त्रिभुवन – तिमिर – निकन्दन,भक्त-हृदय-चन्दन॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।

सप्त-अश्वरथ राजित,एक चक्रधारी।

दु:खहारी, सुखकारी,मानस-मल-हारी॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।

सुर – मुनि – भूसुर – वन्दित,विमल विभवशाली।

अघ-दल-दलन दिवाकर,दिव्य किरण माली॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।

सकल – सुकर्म – प्रसविता,सविता शुभकारी।

विश्व-विलोचन मोचन,भव-बन्धन भारी॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।

कमल-समूह विकासक,नाशक त्रय तापा।

सेवत साहज हरतअति मनसिज-संतापा॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।

नेत्र-व्याधि हर सुरवर,भू-पीड़ा-हारी।

वृष्टि विमोचन संतत,परहित व्रतधारी॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।

सूर्यदेव करुणाकर,अब करुणा कीजै।

हर अज्ञान-मोह सब,तत्त्वज्ञान दीजै॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।

आदित्य हृदय स्त्रोत पाठ के फायदे

  • सनातन धर्म हिंदू धर्म के अनुसार आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करने से भक्तजनों की मनचाही इच्छा पूर्ण हो जाती है।
  • यदि आप नियमित रूप से इस स्रोत का श्रद्धा पूर्वक पाठ करते हैं तो आपके जीवन में सुख समृद्धि की प्राप्ति होगी।
  • आदित्य हृदय स्रोत का श्रद्धा पूर्वक पाठ करने से भक्तों के पुराने से पुराने रोग भगवान सूर्य नारायण जी की कृपा से शीघ्र ही ठीक हो जाते हैं।
  • आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करने से भक्तजनों के जीवन में उन्नति छाती और सुख समृद्धि बनी रहती है।
  • यदि आपके जीवन में कोई भी कार्य ठीक प्रकार से ना हो रहा हो या बने बनाए काम बिगड़ रहे हैं तो आपको आदित्य हृदय स्त्रोत पाठ का गान अवश्य करना चाहिए इससे आपके सारे कार्य स्वयं पूरे होने लग जाएंगे।
  • यदि आपके कुंडली में सूर्य कमजोर रहता है तो आपको आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ अवश्य करना चाहिए।
  • महर्षि वाल्मीकि के अनुसार “आदित्य ह्रदय स्त्रोत” ऋषि अगस्त्य द्वारा भगवान श्रीराम को रावण रूपी शत्रु पर विजय प्राप्त करने के लिए दिया गया था इसलिए इसे शत्रु विनाशक आदित्य ह्रदय स्त्रोत के नाम से भी जाना चाहता है।
  • आदित्य हृदय स्रोत का नियमित रूप से पाठ करने से तू के जीवन में प्रसन्नता आत्मविश्वास धन समृद्धि एवं नौकरी में पदोन्नति जैसे समस्त कार्यों में सफलता मिलती है और उनकी हर मनोकामना पूर्ण होती है ।
  • किंतु इसके लिए आपका भगवान सूर्य के प्रति सच्ची श्रद्धा एवं भक्ति की भावना होनी चाहिए और पूरे विश्वास के साथ कड़े नियमों के पालन के साथ आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करना चाहिए।

यह भी पढ़ें :-

मैया करू दुर्गे तेरी आरती हो मां | Maiya Karu Ambe Teri Aarti Lyrics in Hindi PDF

श्री गणेश जी की आरती पीडीऍफ़ | Ganpati Aarti PDF in Hindi

श्रीमद भागवत कथा नोट्स | Shrimad Bhagwat Katha PDF in Hindi

Satyanarayan Katha PDF | Satyanarayan Vrat Katha PDF in Hindi


सारांश :-

आज इस लेख में आदित्य हृदय स्त्रोत संपूर्ण पाठ (Aditya Hridaya Stotra In Hindi PDF) की पीडीएफ दी गई है। जिसके माध्यम से आप भगवान सूर्य नारायण की भक्ति पूरे विधि-विधान और आरती के साथ कर सकते हैं इस लेख में सूर्य देव की आरती भी दी गई है जिसके माध्यम से आप भगवान की पूजा करते समय उनकी आरती के साथ सूर्य देव को शीघ्र ही प्रसन्न कर सकते हैं।

ऐसे ही धार्मिक आरती और ग्रंथों से जुड़े पीडीएफ प्राप्त करने के लिए आप हमारी वेबसाइट पर विजिट करते रहें और यदि चाहे तो सूर्य देव जी की आदित्य हृदय स्त्रोत पाठ और आरती को अपने अन्य सभी संबंधियों के साथ शेयर करके पुण्य के भागीदार बन सकते हैं।

Aditya Hridaya Stotra In Hindi PDF से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न :- FAQs

आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ कैसे करें?

रोज सुबह उठकर सूर्य देव को जल अर्पित करें और आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें भगवान सूर्य देव को जल चढ़ाते समय सूर्य देव के सामने खड़े होकर सच्ची श्रद्धा से आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करें और पाठ के पश्चात कुछ मिनट के लिए शांत मन से भगवान श्री देव का ध्यान करें।

आदित्य हृदय स्रोत को पढ़ने के फायदे?

Benefit of Aditya Hridaya stotra.

सनातन धर्म हिंदू धर्म के अनुसार आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करने से भक्तजनों की मनचाही इच्छा पूर्ण हो जाती है।

यदि आप नियमित रूप से इस स्रोत का श्रद्धा पूर्वक पाठ करते हैं तो आपके जीवन में सुख समृद्धि की प्राप्ति होगी।

आदित्य हृदय स्रोत का श्रद्धा पूर्वक पाठ करने से भक्तों के पुराने से पुराने रोग भगवान सूर्य नारायण जी की कृपा से शीघ्र ही ठीक हो जाते हैं।

आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करने से भक्तजनों के जीवन में उन्नति छाती और सुख समृद्धि बनी रहती है।

आदित्य हृदय स्रोत को कैसे पढ़ें?

सुबह नियमित रूप से पहले स्नान करें और फिर सूर्यदेव का ध्यान लगाएं ऐसे लगातार 40 दिनों तक आदित्य हृदय स्त्रोत पाठ का दान करें।

सूर्य मंत्र कैसे पढ़ा जाता है?

ॐ भास्कराय विद्महे महादुत्याथिकाराय धीमहि तमो आदित्य प्रचोदयात ।।
।। ॐ आदित्याय विद्महे मार्त्तण्डाय धीमहि तन्नः सूर्यः प्रचोदयात् ।।  व्याख्या – मुझे दिन के निर्माता सूर्य देव का ध्यान करें मुझे कुछ बुद्धि दे और भगवान सूर्य मेरे मन को रोशन करें।

यदि किसी भी प्रकार की कॉपीराइट सामग्री हमारे वेबसाइट पर है तो कृपया आप हमें जरूर मेल कर 12 घंटे के अंदर उसे डिलीट कर दूंगा- Contact@pdffly.net (If any kind of copyrighted material is on our website, please mail us, I will delete it within 12 hours.- Contact@pdffly.net)

Leave a Comment