श्री गणेश जी की आरती पीडीऍफ़ | Ganpati Aarti PDF in Hindi

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नमस्कार दोस्तों, आज हम श्री गणेश जी की आरती ganesh aarti pdf in Hindi प्रस्तुत करने जा रहे है। यदि आप श्री गणेश जी की आरती करते हैं तो आपके जीवन में आने वाले समस्त क्लेशों और कठिनाइयों का नाश होगा। गणेश जी समस्त देवी देवताओं में प्रथम पूज्य माने जाते हैं अर्थात जब भी किसी कार्य का आरंभ किया जाता है या किसी प्रकार का जप तप या धर्म-कर्म इत्यादि कार्य किए जाते हैं तो उस कार्य को आरंभ करने से पूर्व श्री गणेश जी का आव्हान अवश्य किया जाता है।

Ganpati Aarti PDF in Hindi
Ganpati Aarti PDF in Hindi

गणेश भगवान को दुखहर्ता और मंगल करता भी कहा जाता है, क्योंकि भगवान श्री गणेश जी के आशीर्वाद से भक्तों के जीवन में आने वाले सभी कष्ट एवं दुख दूर हो जाते हैं और ऐसा माना जाता है कि श्री गणेश जी के भक्तों के जीवन में आने वाले सभी विघ्नों, बाधाओं एवं कठिनाइयों को श्री गणेश जी हर लेते हैं।

भगवान श्री गणेश अर्थात श्री गजानन गणपति जी को समर्पित यह दिव्य आरती प्रतिदिन करने से मानव के घर में सुख सौभाग्य की बारिश होती है। श्री गणेश भगवान जी की आरती प्रतिदिन करने से व्यक्ति के सभी बाधाओं और मुसीबतों का निवारण हो जाता है तो चलिए देखते हैं भगवान श्री गणेश जी की आरती ganpati aarti sangrah pdf ।

गणेश आरती की पीडीऍफ़ | Ganesh (Ganpati) Aarti Hindi PDF

इस लेख में श्री गणेश भगवान जी की आरती की पूरी जानकारी दी गई है। अगर आप गणेश जी की आरती का आवाहन करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए श्री गणेश जी की आरती के माध्यम से कर सकते हैं। नीचे लेख में Ganpati Aarti PDF की पूरी जानकारी दी गई है। भगवान श्री गणेश जी की आरती के बारे में ऐसा मान्यता है कि गजानन की पूजा करने से ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि होती है और नियमित रूप से श्री गणेश जी की आरती का आवाहन करने से सुख समृद्धि और सफलता मिलती है।

भगवान श्री गणेश जी की नियमित रूप से पूजा करने से जीवन में आ रहे हैं सभी कठिनाइयों और विपत्तियों का निवारण हो जाता है, इसलिए भगवान श्री गणेश जी को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। भगवान श्री गणेश जी की आरती के बिना उनकी पूजा अधूरी मानी जाती है, इसलिए गणेश जी की पूजा के समय उनकी आरती का ध्यान अवश्य रखें। इस लेख में नीचे भगवान श्री गणेश अथवा गणपति जी की आरती की पूरी जानकारी दी गई है। Ganpati Aarti PDF in Hindi.

Ganpati Aarti PDF Highlights

Ganpati Aarti PDF in Hindi
Ganpati Aarti PDF in Hindi
PDF Fileगणेश आरती | Ganpati aarti pdf
Total Pages3
File Size0.5 MB
LanguageHindi
CategorySpirituality
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FormatePDF

भगवान श्री गणेश जी की आरती | Ganesh Aarti Lyrics in Hindi PDF

॥ श्री गणेशजी की आरती ॥
 
जय गणेश, जय गणेश,जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा॥ 

एकदन्त दयावन्त,चार भुजाधारी।

माथे पर तिलक सोहे, मूस की सवारी॥ 

हार चढ़े, फूल चढ़े,और चढ़े मेवा।

लड्डुअन का भोग लगे,सन्त करें सेवा॥ 

जय गणेश, जय गणेश,जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा॥ 

अँधे को आँख देत,कोढ़िन को काया।

बाँझन को पुत्र देत,निर्धन को माया॥ 

‘सूर’ श्याम शरण आए,सफल कीजे सेवा।

माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा॥ 

दीनन की लाज राखो,शम्भु सुतवारी।

कामना को पूर्ण करो,जग बलिहारी॥ 

जय गणेश, जय गणेश,जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा॥ 

श्री गणेश जी की आरती विधि / Shri Ganesh Aarti Vidhi in Hindi pdf 

आरती शुरू करने से पहले 3 बार शंख बजाएं और शंख को धीमे स्वर से उच्च स्वर की ओर बजाएं। इसके पश्चात आरती आरंभ करें।

आरती के समय घंटी को एक लय में बजाएं और लय का ध्यान रखते हुए आरती आरंभ करें।

श्री गणेश भगवान जी की आरती करते समय शब्दों का शुद्ध उच्चारण करें और आरती के लिए शुद्ध कपास अथवा रुई से बनी हुई बत्ती और शुद्ध घी का प्रयोग करें और यदि घी और बत्ती उपलब्ध ना हो तो कपूर से भी आरती कर सकते हैं।

दीया जलाते वक्त बत्तियों की संख्या 1, 5, 9, 11 और 21 रखनी चाहिए।

आरती संपन्न हो जाने पर जयकारा लगाते हुए श्री गणेश भगवान जी से मंगल कामना करें।

श्री गणपती आरती सुखकर्ता दुखहर्ता | Aarti sangrah marathi pdf | Ganpati aarti marathi pdf

सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची 

नुरवी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची 

सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची

कंठी झळके माळ मुक्ताफळाचीजय देव जय देव जय मंगलमूर्ती

दर्शनमात्रे मनकामना पुरतीरत्नखचित फरा तूज गौरीकुमरा

चंदनाची उटी कुंकुमकेशरा

हिरे जडित मुकुट शोभतो बरा

रुणझुणती नुपुरे चरणी घागरियालंबोदर पितांबर फनी वरवंदना

सरळ सोंड वक्रतुंड त्रिनयना

दास रामाचा वाट पाहे सदना

संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवंदनाजय देव जय देव जय मंगलमूर्ती

दर्शनमात्रे मनकामना पुरती

1. गणेश जी को किस प्रकार प्रसन्न किया जा सकता है ?

गणेश चतुर्थी के अवसर पर भगवान श्री गणेश जी के नाम का ध्यान करना चाहिए और मंदिर में पूरे विधि विधान से पूजा करते हुए गणपति जी का नाम लेने से भगवान श्री गणेश जी प्रसन्न होते हैं।

श्री गणेश जी को गणेश चतुर्थी के दिन घी, मोदक और गुड़ का भोग लगाना चाहिए। श्री गणेश जी को भोग लगाने से घर में खुशहाली और आर्थिक समृद्धि आती है। भोग के विषय में अतिरिक्त जानकारी नीचे विस्तार से दी गई है।

गणेश चतुर्थी के दिन यदि संभव हो तो भगवान गणेश की प्रतिमा दुर्वा से बनाकर उनकी पूजा करनी चाहिए साथ ही दुर्वा  का चढ़ावा भी करना चाहिए।

भगवान गणेश जी की पूजा करते समय उनके माथे पर सिंदूर का तिलक अवश्य लगाएं। इसके पश्चात अपने माथे पर भी तिलक लगाएं।

इन सभी बातों का ध्यान रखते हुए भगवान श्री गणेश जी की पूजा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं।

2. गणेश जी को क्या क्या भोग लगाना चाहिए ?

भगवान श्री गणेश जी को मोदक के लड्डू बहुत पसंद आते हैं। मोदक के साथ-साथ श्री गणेश जी को मोतीचूर के लड्डू भी काफी पसंद आते हैं और शुद्ध घी से बने बेसन के लड्डू, बूंदी के लड्डू, नारियल, सूजी के लड्डू, तिल आदि भी अर्पित करना चाहिए और गणपति जी को गुड और घी का भोग भी लगाना चाहिए।

परंपरा के अनुसार गणेश जी को दूर्वा बहुत प्रिय है। और गणपति जी को दूर्वा चढ़ाने की परंपरा काफी पुरानी है। दुर्गा के ऊपर 3 या 5 पत्ती रखकर चढ़ावा करें इस तरह दूर्वा बहुत ही उत्तम माना जाता है। भोग के रूप में गणपति जी को केले का भीग भी अवश्य लगाएं इस बात का ध्यान रखें कि कभी भी एक केला अर्पित न करें सदैव केले का जोड़ा ही भोग में लगाएं।

सारांश

इस लेख में ganpati Aarti PDF की जानकारी दी गई है जिसकी सहायता से आप भगवान श्री गणेश जी की आरती कर सकते हैं और अपने जीवन में आने वाले परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं साथ ही इसमें भगवान श्री गणेश जी को कैसे प्रसन्न किया जाए और गणेश जी की आरती के समय क्या-क्या भोग लगा जाते हैं, इसकी जानकारी दी गई है और Ganpati Aarti Lyrics Marathi की भी विस्तृत जानकारी दी गई है।

Ganpati Aarti PDF से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न :- FAQs

प्रश्न : श्री गणेश जी की आरती कब करनी चाहिए?

भगवान श्री गणेश जी की आरती सुबह और शाम दोनों समय करनी चाहिए।

प्रश्न : श्री गणेश जी की पूजा के लिए कौन सा दिन अच्छा होता है?

भगवान श्री गणेश जी की पूजा सावन में बुधवार के दिन विशेष रूप से करनी चाहिए। इससे वह बहुत प्रसन्न होते हैं।

प्रश्न : भगवान श्री गणेश की पूजा करते समय किस मंत्र का जाप करना चाहिए?

“ॐ गं गणपतये नमः” इस मंत्र का जाप करने से मानव के जीवन में आने वाले सभी समस्या और मुसीबतों का निवारण हो जाता है।

प्रश्न : गणेश जी की मूर्ति का मुंह किस दिशा में रखना चाहिए?

गणेश जी का मुख किस दिशा में होना चाहिए – गणपति की मूर्तियों या तस्वीरों को विशेष रूप से उत्तर, उत्तर-पूर्व, पूर्व या पश्चिम दिशा में रखा जाना चाहिए, मुख्य रूप से : उत्तर की ओर

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